हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनेई ने फरमाया,आज मुल्क की हिफाज़त और मुल्क में सुख और शांति,सरहदों की देखरेख एक बहुत बड़ा काम है यह सब फौजी ताकत में इज़ाफे का नतीजा हैं।
यह तादाद और ताक़त जिस पर क़ुरआन में बल दिया गया है अल्लाह के दुश्मन को ख़ौफ़ज़दा कर सको" इससे मुल्क में अमन व सुरक्षा क़ायम होती है।
इसलिए आप देख सकते हैं कि काफ़ी मुद्दत तक बार बार कहा करते थे कि फ़ौजी कार्यवाही का विकल्प मेज़ पर मौजूद है।
अब एक मुद्दत हो गयी यह बात ज़बान पर नहीं लाते। यह आपकी ताक़त का नतीजा है, जब भीतरी सतह पर आप ताक़त बढ़ाते हैं तो उसका नतीजा इस तरह सामने आता है।
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